-मंगलायतन विश्वविद्यालय में नवांकुर-2 प्रदर्शनी का आयोजन
कला के रंग जब कल्पनाओं से बाहर निकलते हैं तो कलाकृतियां जन्मलेती हैं और हृदय को छू जाती हैं। मंगलायतन विश्वविद्यालय के दृश्य एवं प्रदर्शन कला विभाग द्वारा आयोजित नवांकुर-2 कलात्मक जागृति प्रदर्शनी में कुछ ऐसी ही अनुभूति दिखी। यहां युवा प्रतिभाओं ने अपनी कल्पनाओं को रंग, रेखा व आकार में ढालकर जीवन दिया है। दर्शक इन कृतियों के पास रुकते हैं, तो केवल देखते नहीं बल्कि प्रकृति, समाज की संवेदना को महसूस करते हैं।
गोमती कला कुंज में सजी इस प्रदर्शनी का शुभारंभ कुलपति प्रो. पीके दशोरा व कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने फीता काटकर किया। कुलपति ने विद्यार्थियों के सृजनात्मक साहस की सराहना करते हुए कहा कला केवल अभिव्यक्ति नहीं, आत्मा की पुकार है। इन नवांकुरों की कल्पनाओं में वह ताकत है, जो समाज को नई दिशा दे सकती है। ये केवल कलाकार नहीं, आने वाले समय के विचारक हैं। प्रदर्शनी में चित्रकला, मूर्तिकला, ग्राफिक्स और फोटोग्राफी के माध्यम से विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। कुलपति ने अर्जुन यादव, खुशी शर्मा, चंचल सिंह, फराह कुरैशी, सुशांत कुमार, लुवांसी वाष्र्णेय, सृष्टि सिंह, वैभवी सिंह, ज्योति शर्मा को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। विभागाध्यक्ष डा. पूनम रानी ने बताया कि प्रदर्शनी का उद्देश्य विद्यार्थियों की रचनात्मक सोच को अभिव्यक्ति का मंच देकर उनमें आत्मविश्वास जाग्रत करना है। उन्होंने बताया कि दो जून तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में विद्यार्थियों द्वारा आगंतुकों को अपनी रचनाओं की प्रेरणा और प्रक्रिया की जानकारी भी दी जा रही है। इस अवसर पर प्रो. दिनेश पांडेय, देवाशीष चक्रवर्ती, विलास फालके, अजय राठौर, डा. प्रेमलता आदि थे।